TO READ - CLICK THE FOLLOWING LINE

ROLE OF CHRISTIANITY IN INDIA'S FREEDOM MOVEMENT

पढ़ने हेतु कृप्या इस चित्र पर क्लिक करें

TO READ - CLICK THE FOLLOWING LINE

DID CHRISTIANS ACTUALLY CONTRIBUTE IN INDIA'S FREEDOM MOVEMENT?

पढ़ने हेतु कृप्या इस पंक्ति पर क्लिक करें

क्या मसीही समुदाय का भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में सचमुच कोई योगदान था?

1918 में इंग्लैण्ड गए ‘होम रूल’ डैलीगेशन के सदस्य थे जॉर्ज जोसेफ़

सुब्रामनियम भारती ने लिखी थी प्रसिद्ध कविता जॉर्ज जोसेफ़ के घर

लोकमान्य तिलक के प्रसिद्ध कथन के असल रचयिता जोसेफ़ ‘काका’ बैप्टिस्टा

जौन बैप्टिस्टा ने की थी ऑल इण्डिया ट्रेड युनियन कांग्रेस (एटक) की स्थापना

विनायक दामोदर सावरकर भी रहे थे जौन बैप्टिस्टा के मुवक्किल

ऐलिस अल्वारेस ने भारत की स्वतंत्रता हेतु वीर सावरकार के साथ किया काम

स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने वाली पहली मसीही जोड़ी ग्रेसी व सी. सैमुएल आरोन

नेहरू जी के साथ मिल कर पुर्तगाल का भारतीय चर्च में हस्तक्षेप समाप्त करवाया फ़ादर जेरोम डी’सूज़ा ने

भारतीय प्राचीन इतिहास के पितामह राबर्ट ब्रूस फुट

डॉ. जॉन मथाई - स्वतंत्र भारत के पहले रेल मंत्री तथा वह देश के द्वितीय वित्त मंत्री

स्वतंत्र भारत की प्रथम मसीही कैबिनेट मंत्री राजकुमारी अमृत कौर

वर्ल्ड हैल्थ असैम्बली की बनीं पहली एशियाई महिला अध्यक्ष राजकुमारी अमृत कौर

ऑल इण्डिया इनस्टीच्यूट ऑफ़ मैडिकल साइंस्ज़ (एम्स) की स्थापना में राजकुमारी अमृत कौर का योगदान वर्णनीय

डाक टिक्ट जारी हुआ राजकुमारी अमृत कौर की याद में

संसद सदस्य बनने वाली भारत की प्रथम जोड़ी बने जोआकिम अल्वा तथा वॉयलेट अल्वा

वॉयलेट अल्वा भारत के किसी उच्च न्यायालय (हाई कोर्ट) में अपने मुवक्किल का केस लड़ने वाली प्रथम महिला वकील भी हैं

वॉयलेट अल्वा - राज्य सभा की अध्यक्षा करने वाली प्रथम महिला भी

वॉयलेट अल्वा के पिता चर्च ऑफ़ इंग्लैण्ड के पहले भारतीय पादरी साहिबान में से एक थे

डाक टिकेट भी जारी हुआ जोआकिम अल्वा तथा वॉयलेट अल्वा की याद में

ज्ञानेन्द्र मोहन टैगोर पहले ऐसे एशियन थे, जिन्हें 1862 में इंग्लैण्ड की बार में निमंत्रित किया गया था

26 अक्तूबर, 1989 को भारत सरकार ने पण्डिता रमाबाई की याद में डाक-टिक्ट जारी किया था

भारत के पहले सरकारी वकील वोमेश चन्द्र बैनर्जी

इंग्लैण्ड का संसदीय चुनाव लड़ने वाले पहले भारतीय भी थे वोमेश चन्द्र बैनर्जी, परन्तु हार गए थे

मसीही लोगों ने समस्त विश्व में पहुंचाए रामायण, महाभारत, श्रीमद भगवदगीता, चार वेद, उपनिष्द व अन्य प्राचीन भारतीय साहित्य

वाईएमसीए के प्रथम भारतीय राष्ट्रीय महा-सचिव थे के.टी. पौल

केरल की प्रथम महिला संसद सदस्य ऐनी मैस्केरीन

भारत के प्रतिष्ठित सेंट स्टीफ़न्स कॉलेज के पहले भारतीय प्रिंसीपल व सच्चे मसीही श्री सुशील कुमार रुद्र

राबिन्द्रनाथ टैगोर ने सुशील कुमार रुद्र के घर दिया अपनी प्रसिद्ध पुस्तक ‘गीतांजलि’ को अंतिम रूप

पहली मराठी महिला लेखिका शेवांतीबाई एम. निकाम्बे

समस्त विश्व में सब से पहले जो पुस्तक (धर्म-ग्रन्थ) प्रकाशित हुई थी, वह बाईबल ही थी। भारत में भी सर्वप्रथम मुद्रित (छपने या प्रिन्ट) होने वाला भी बाईबल-साहित्य ही था

भारत के विलक्ष्ण काटूर्निस्ट शंकर की खोज की पोठान जोसेफ़ ने

इलाहाबाद स्थित कृषि संस्थान के प्रो. वॉग ही भारत में पहली बार कृषि के समय इस्तेमाल में आने वाले आधुनिक फावड़े, कल्टीवेटर्स व गेहूं के थ्रैशर लेकर आए थे

इलाहाबाद (अब प्रयागराज) स्थित ‘सैम हिगिनबौटम युनिवर्सिटी ऑफ़ एग्रीकल्चर, टैक्नॉलौजी एण्ड साइंसज़’ 1943 में एग्रीकल्चरल इन्जियनिरिंग की डिग्री देने वाला एशिया का पहला शैक्षणिक संस्थान

फ़ोरमैन क्रिस्चियन कॉलेज, लाहौर के भारतीय मूल के पहले प्रिंसीपल थे एस.के. दत्ता

डॉ. सेन्जी पुल्नी ऐण्डी 1860 में ब्रिटिश मैडिकल डिग्री प्राप्त करने वाले पहले भारतीय

ई.स्टैनले जोन्स ने खोला भारत का पहला मसीही मनोचिकित्सा केन्द्र व क्लीनिक

अर्नैस्ट फ़ॉरैस्टर पैटन व ऐस. जेूसूदासन ने की थी पहले प्रोटैस्टैन्ट मसीही आश्रम ‘क्रिस्टुकुला आश्रम’ की स्थापना

पहली बार 1705 में आए भारत में प्रोटैस्टैन्ट मिशनरी

पादरी नाथन ब्राऊन ने असमी भाषा की पहली पत्रिका की थी प्रकाशित

बिशप रॉबर्ट काल्डवैल ने पहली बार किया था शब्द ‘द्राविड़ियन’ का प्रयोग

तामिल नाडू के तन्जौर क्षेत्र में पहली प्रिन्टिंग प्रैस लेकर आए थे पादरी बार्थोलोमस ज़ीजेनबाल्ग

पादरी बार्थोलोमस ने तमिल भाषा में पहली बार किया था बाईबल के नए नियम का अनुवाद

अमेरिका से भारत आने वाली पहली अविवाहित महिला मसीही मिशनरी शारलौट ‘सुज़ैना’ हेज़न ऐटली

जापान जाने वाले पहले मसीही मिशनरी थे सेंट फ्ऱांसिस ज़ेवियर

भारत में आए पहले जैसुइट मिशनरी थे सेंट फ्ऱांसिस ज़ेवियर

कैथोलिक चर्च के पहले भारतीय बिशप डौम मैथ्यूज़ डी कास्ट्रो

पादरी गोपी नाथ नंदी भारत के पहले ऐसे नागरिक थे, जो अमेरिकन प्रैसबाइटिरियन मसीही मिशन के पादरी बने थे

सीरामपुर में पहली मसीही धार्मिक युनिवर्सिटी स्थापित की, जो बाकायदा डिविनिटी की डिग्रियां प्रदान करती थी और यह आज तक कायम है

गोवा की कोंकणी भाषा का पहला व्याकरण लिखा पादरी थॉमस स्टीफ़न्ज़ ने

एशिया में महिलाओं के लिए पहली मैडिकल प्रशिक्षण सुविधा थी सीएमसी लुधियाना

सन्थाली भाषा की पहली वर्णमाला (अक्षर) व व्याकरण तैयार करने वाले पॉल ओलाफ़ बोडिंग