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लोकप्रिय गौस्पल सिंगर अनिल कांत
बचपन से ही संगीत से लगाव था पास्टर अनिल कांत को
प्रसिद्ध मसीही गायक व पादरी अनिल कांत मूल रूप से एक हिन्दु-पंजाबी परिवार से संबंधित हैं। उनका जन्म 4 सितम्बर, 1964 को हुआ था। उन में बचपन से ही परमेश्वर के समीप जाने की इच्छा थी और संगीत से भी उन्हें बचपन से लगाव था। उन्होंने 12 वर्ष की आयु से ही गीत लिखना, धुन तैयार करके फिर उसे गाना प्रारंभ कर दिया था। उनकी पत्नी रीना कांत को भी संगीत से अत्यधिक लगाव है। वह स्टेज पर अपनी गायकी के शो करने के धनी हैं और उन्होंने देश-विदेश में अपने संगीतमय शोज़ के ज़रिए बहुत नाम कमाया है।
विवाह के पश्चात् दोनों सिंगापुर जा बसे थे, जहां वे 1986 से 1990 तक रहे।
चर्च में संगीत सिखलाया
पादरी अनिल कांत अपनी पत्नी श्रीमति रीना कांत के साथ
श्री अनिल कांत के कुछ मित्रों ने उन से आग्रह किया कि वह चर्च में आकर उन्हें भारतीय संगीत सिखाएं। तभी उन्हीं संगीत की क्लासेज़ के दौरान उन्हें यीशु मसीह के बारे में बहुत कुछ जानने व सीखने को मिला। उस चर्च में अनिल कांत व उनके परिवार के लिए सदा प्रार्थना हुआ करती थी। तब धीरे-धीरे उन्होंने बाईबल पढ़ना प्रारंभ कर दिया। तब उन्हें सत्य की प्राप्ति हुई और उन्होंने अपने सभी पुराने रीति-रिवाज त्याग दिए और नया जीवन पाया।
यूहन्ना की इन्जील पढ़ते हुआ ज्ञान प्राप्त
1999 में पास्टर अनिल कांत सपरिवार भारत लौट आए। वह मुंबई में रहने लगे। एक रात्रि को वह बाईबल में नए नियम की यूहन्ना की इंजील के 14वें अध्याय की छठी आयत पढ़ रहे थे - ‘यीशु ने उससे कहा, मार्ग और सच्चाई और जीवन मैं ही हूं; बिना मेरे द्वारा कोई पिता के पास नहीं पहुंच सकता।’ तभी श्री कांत को एक नई स्वतंत्रता का अनुभव हुआ - वह स्वतंत्रता अतीत से थी, कुछ पुराने बंधनों से थी, पापों व स्वार्थ से आज़ादी थी।
पूर्णतया प्रभु यीशु मसीह के प्रति समर्पित हैं पादरी अनिल कांत
तब श्री अनिल कांत ने अपने अनुभव अपने परिवार के साथ साझे किए। पारंपरिक विचारों को छोड़ना तथा सामाजिक भय को त्यागना बहुत मुश्किल है। परन्तु पादरी अनिल कांत ने यह सब बाख़ूबी कर दिखलाया।
पासटर अनिल कांत पूर्णतया प्रभु यीशु मसीह के प्रति समर्पित हैं। वर्ष 2002 में उनके मसीही गीतों की पहली एल्बम रिलीज़ हुई थी और अब तक उनकी ऐसी 28 एल्बम्स आ चुकी हैं। उनके सभी गीत पवित्र बाईबल के वचनों पर ही आधारित होते हैं।
एमबीए पास पादरी अनिल कांत के दो बच्चे - बेटी श्रेया व बेटा ऋषभ हैं और वे भी अब प्रभु यीशु मसीह को प्यार करते हैं। श्री अनिल कांत वर्ष 2007 में पादरी नियुक्त हुए थे। वह प्रत्येक सप्ताह मुंबई के अंधेरी (पश्चिम) इलाके में मसीही सत्संग करते हैं। उनके चर्च का नाम ‘अनिल कांत मिनिस्ट्रीज़ इन्टरनेश्नल आश्रम ऑफ़ लाईफ़’ है।
पादरी अनिल कांत जब गाते हैं, तो समय बांध देते हैं, श्रद्धालु मनमोहक हो कर जीसस की आराधना में जुट जाते हैं और ऐसे लगने लगता है कि उस संगति में स्वयं प्रभु उतर आए हों। ऐसी ही उनकी रूहानी गायकी।
-- -- मेहताब-उद-दीन -- [MEHTAB-UD-DIN]
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