Tuesday, 25th December, 2018 -- A CHRISTIAN FORT PRESENTATION

Jesus Cross

अधिक साक्षरता दर वाले मसीही समुदाय का भारत में बहुमूल्य योगदान



 




 


25,000 के लगभग शैक्षणिक संस्थान चला रहा है भारतीय कैथोलिक चर्च

भारत में 1947 से पूर्व भी कैथोलिक चर्च बड़े व छोटे नगरों, कसबों एवं गांवों के लोगों को शिक्षा के द्वारा सशक्त बना रहा था। आज भी मसीही स्कूल एवं कॉलेज ऐसे स्थानों पर स्थापित किए गए हैं, जहां पर शीघ्रतया कहीं आने-जाने का कोई साधन भी उपलब्ध नहीं हो पाता। भारतीय समाज की कुछ ऐसी प्रणालियों के कारण आज़ाद भारत में भी बहुत से समुदाय, विशेषतया दलित लोग बिल्कुल हाशिए पर जा चुके हैं। जुलाई 2011 के आंगड़ों के अनुसार कैथोलिक चर्च भारत में इस समय 25,000 के लगभग शैक्षणिक संस्थान चला रहा है; जिनमें 15 हज़ार स्कूल, 300 कॉलेज, 115 नर्सिंग स्कूल सम्मिलित हैं। इसके अतिरिक्त 5,000 के लगभग अस्पताल, हैल्थ क्लीनिक, 2,000 पुनर्वास केन्द्र, 1,500 तकनीकी स्कूल, 6 मैडिकल कॉलेज, दो युनिवर्सिटीज़, बहुत से इन्जिनियरिंग कॉलेज तथा सामाजिक एवं कल्याणकारी संस्थान चलाए जा रहे हैं। (महत्त्वपूर्ण नोटः इन आंकड़ों का मिलान ताज़ा डाटा से अवश्य कर लें)।


भारत के 2 प्रतिशत मसीही समुदाय का शिक्षा के क्षेत्र में 30 प्रतिशत योगदान

CMC Ludhiana भारत में मसीही जनसंख्या चाहे केवल 2 प्रतिशत है परन्तु उसका शैक्षणिक संस्थानों में योगदान लगभग 30 प्रतिशत है और उनमें से बहुत से ऐसे संस्थान तो 150 वर्ष से भी अधिक समय से सफ़लतापूर्वक चलते आ रहे हैं। यदि कुछ ताज़ा आंकड़ों पर नज़र दौड़ाएं, तो लगभग 7,000 से 8,000 संस्थान तो विगत कुछ समय के दौरान ही भारत में मसीही उद्यमियों एवं शिक्षा-शास्त्रियों द्वारा स्थापित किए गए हैं। ये सभी संस्थान विश्व-स्तरीय शिक्षा प्रदान करते हैं। दक्षिण अफ्ऱीका के भूतपूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय नैल्सन मण्डेला ने कहा था कि ‘‘शिक्षा ही सब से सशक्त शस्त्र है, जिसे विश्व में परिवर्तन लाने हेतु इस्तेमाल किया जा सकता है।’’ सचमुच अब स्वतंत्र भारत में मसीही शिक्षा संस्थान ऐसे ही बड़े परिवर्तन लाने हेतु कार्यरत हैं। वह दिन दूर नहीं, जब भारत पूरी दुनिया में एक सुपर-पॉवर बन कर उभरेगा।


स्वास्थ्य क्षेत्र में भी मसीही समुदाय अग्रणी

वर्ष 2011 के आंकड़ों के अनुसार भारत का मसीही समुदाय मैडिकल उपचार के क्षेत्र में भी अग्रणी है। अकेले कैथोलिक चर्च के ही भारत में 746 अस्पताल, 2574 डिस्पैन्सरियां, 70 पुनर्वास केन्द्र, 107 मानसिक स्वास्थ्य केन्द्र, 61 वैकल्पिक मैडिसन सैन्टर, 162 ग़ैर-पारंपरिक स्वास्थ्य सुविधायें तथा 115 मैडिकल ट्रेनिंग सैन्टर एवं छः मैडिकल कॉलेज हैं। इसके साथ 165 केन्द्र केवल कुष्ट रोगियों के उपचार हेतु हैं। 416 स्वास्थ्य केन्द्र केवल वृद्धों, 62 केन्द्र केवल तपेदिक (टी.बी.) एवं अन्य घातक रोग से पीड़ित रोगियों के लिए हैं। 67 कम्युनिटी केयर सैन्टर्स एड्स रोगियों का उपचार कर रहे हैं, 60 परामर्श केन्द्र हैं - जो एच.आई.वी. एड्स से रोकथाम एवं उपचार संबंधी उपयुक्त परामर्श प्रदान करवा रहे हैं। यह सभी स्वास्थ्य केन्द्र व संस्थान चर्च, धार्मिक बिशप, पादरी साहिबान, नन्स एवं चर्च से जुड़े अन्य लोगों द्वारा संचालित हैं। भारत के समस्त मसीही समुदाय को इस पर गर्व होना चाहिए।


मसीही समुदाय में साक्षरता दर भी अधिक

मसीही समुदाय में साक्षरता के आंकड़े भी अन्य समुदायों के मुकाबले में काफ़ी अधिक हैं। मसीही समुदाय में लड़कियों की संख्या लड़कों से अधिक है। ऐसा अकेले भारत में ही नहीं, अपितु समस्त संसार के मसीही समुदाय में है। मसीही समुदाय बिना मतलब की पार्टियों एवं दिखावे के कुछ समारोहों पर धन ख़र्च नहीं करता, मसीही समुदाय में दहेज लेने-देने की कभी कोई प्रथा नहीं रही। मसीही समुदाय देश में सभी समुदायों के साथ मिलजुल जीवन व्यतीत करने में विश्वास करता रहा है। उसने कभी ऐसा नहीं चाहा कि उन्हें देश में कभी कुछ विशेष आरक्षण चाहिए। यह समुदाय कभी बिना मतलब के सांप्रदायिक दंगों में भी शामिल नहीं हुआ।


मसीही युवाओं को और प्रेरित करने की आवश्यकता

हमारे चर्च द्वारा अपने मसीही युवाओं को प्रेरित किया जाना चाहिए कि वे केवल ग्रैजुएशन या पोस्ट ग्रैजुएशन करने तक ही सीमित न रहें, बल्कि सिविल सर्विसेज़ एवं प्रशासनिक क्षेत्रों तक आगे जाएं। यह बात केवल बोलने तक ही सीमित न रखी जाए, बल्कि इसे क्रियान्वित भी किया जाए। यदि ऐसा कोई सुअवसर किसी मसीही भाई व बहन को अपने जीवन में प्राप्त नहीं हो पाया, तो वे अपना कोई उद्यम या कारोबार प्रारंभ कर के अन्य लोगों के लिए रोज़गार के नए रास्ते खोल सकते हैं।


राजनीति में भी सक्रिय हो मसीही समुदाय

राजनीति में मसीही समुदाय कभी अधिक सक्रिय नहीं रहा। इससे घृणा करने की आवश्यकता नहीं है बल्कि इस क्षेत्र में भी योग्य मसीही लोगों को अवश्य आगे आना चाहिए, हाशिए पर जा चुके मसीही लोगों का उत्थान तभी हो पाएगा, जैसे अब गिर्जाघरों (चर्चेस) की ज़मीनों पर अवैध कब्ज़े हो रहे हैं, उनका अधिग्रहण कुछ राजनीतिक नेता जानबूझ कर रहे हैं। ऐसे तत्त्वों का मुकाबला केवल राजनीतिक शक्ति से ही संभव है। इससे दूर भागेंगे, तो वे लोग हमें और अधिक दबाएंगे। हम हमारे परमेश्वर एवं यीशु मसीह के अतिरिक्त किसी अन्य के सामने कभी झुकने वाले नहीं। हम किसी से कम नहीं।


Mehtab-Ud-Din


-- -- मेहताब-उद-दीन

-- [MEHTAB-UD-DIN]



भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन में मसीही समुदाय का योगदान की श्रृंख्ला पर वापिस जाने हेतु यहां क्लिक करें
-- [TO KNOW MORE ABOUT - THE ROLE OF CHRISTIANS IN THE FREEDOM OF INDIA -, CLICK HERE]

 
visitor counter
Role of Christians in Indian Freedom Movement


DESIGNED BY: FREE CSS TEMPLATES