खेत व बगिया-मज़दूरों के प्रेरक वेयाला इडिकुला अब्राहम
स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने हेतु खेत-श्रमिकों को प्रेरित करते थे वेयाला इडिकुला अब्राहम
वेयाला इडिकुला अब्राहम एक ऐसे मसीही स्वतंत्रता सेनानी रहे हैं, जिनके बारे में बहुत कम बात की जाती है। वह अपने समय के चर्चित राजनीतिज्ञ थे। उन्होंने खेतों एवं बाग़-बग़ीचों में काम करने वाले मज़दूरों को एकत्र करने में वर्णनीय भूमिका निभाई थी। उनके कल्याण व उनकी मांगों को लेकर वह कई बार जेल भी गए थे। त्रावनकोर (वर्तमान केरल) में जो पहले श्री मूलम असैम्बली बनी थी, वह 1944 से लेकर 1946 तक उसके सदस्य रहे थे। फिर 1954 से लेकर 1956 तक वह त्रावनकोर कोचीन विधान सभा के भी सदस्य रहे थे। 1965 में उन्होंने केरल कांग्रेस की टिकट से ही चुनाव लड़ते हुए कम्युनिस्ट पार्टी के प्रत्याशी के.के. नय्यर को हराया था। परन्तु श्री वेयाला इडिकुला अब्राहम 1967 में श्री के.के. नय्यर से ही 10,143 मतों से पराजित हो गए थे।
नौर्थिस्ट चर्च के डायोसीज़-मैट्रोपालिटन हुए थे नियुक्त
श्री वेयाला इडिकुला अब्राहम का जन्म 24 सितम्बर, 1907 को हुआ था। उन्होंने ग्रैजुएशन की थी। उनके 4 पुत्र एवं 2 पुत्रियां थीं। 15 अप्रैल, 1951 को एन्टीओच के पैट्रीआर्क हिज़ होलीनैस मोरान मोर इग्नाशियस अफ्ऱेम-प्रथम ने उन्हें पश्चिमी सीरिया के नगर हौम्स में शुद्ध करते हुए कनन्या (एक सीरियन मसीही समुदाय, जिसे आज नौर्थिस्ट्स भी कहते हैं तथा उसके सदस्य अधिकतर केरल में ही पाए जाते हैं; उनकी संख्या 3 लाख के लगभग है) डायोसीज़ का मैट्रोपालिटन नियुक्त किया था। श्री वेयाला इडिकुला अब्राहम का निधन 14 सितम्बर, 1974 को हो गया था।
-- -- मेहताब-उद-दीन -- [MEHTAB-UD-DIN]
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