भारत में चर्च एकजुट करने के भी होते रहे प्रयत्न
चर्च के कल्याण हेतु विभिन्न मुद्दों का हुआ अध्ययन
भारत में धार्मिक तौर पर अल्प-संख्यक होने के ‘‘ख़तरों’’ के चलते देश की विभिन्न मिशनों ने कई बार एकजुट होने के भी प्रयत्न किए हैं। चर्च को एकजुट करने के लिए ही 1947 में ‘चर्च ऑफ़ साऊथ इण्डिया’ (सी.एस.आई.) के नाम से एक संगठन बना था, जिसमें दक्षिण भारत के अधिकतर चर्च शामिल थे। फिर 1965 में ‘चर्च ऑफ़ नॉर्थ इण्डिया’ (सी.एन.आई.) नाम से उत्तर भारत के बहुत से गिर्जाघर एकजुट हुए थे। इससे भी पूर्व 1944 में भारत के कैथोलिक चर्च के कुछ चयनित प्रतिनिधियों ने मद्रास (वर्तमान चेन्नई) में एक बैठक के दौरान स्वतंत्र भारत में मसीही समुदाय के समक्ष आने वाली चुनौतियों पर खुल कर विचार-विमर्श किया गया था। तभी कैथोलिक बिशपस कान्फ्ऱेंस ऑफ़ इण्डिया’ (सी.बी.सी.आई.) नामक संगठन स्थापित करने का निर्णय लिया गया था; जिसने भारत में चर्च के कल्याण हेतु विभिन्न मुद्दों का अध्ययन करना था।
-- -- मेहताब-उद-दीन -- [MEHTAB-UD-DIN]
भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन में मसीही समुदाय का योगदान की श्रृंख्ला पर वापिस जाने हेतु यहां क्लिक करें -- [TO KNOW MORE ABOUT - THE ROLE OF CHRISTIANS IN THE FREEDOM OF INDIA -, CLICK HERE]