स्वतंत्रता सेनानी व किसान नेता एलान्जीकल जॉन जेकब
सैनिक से बने स्वंतत्रता सेनानी
श्री एलान्जीकल जॉन जेकब (ई. जॉन जेकब) केरल कांग्रेस के प्रख्यात नेता थे, जिनका जन्म 23 अगस्त, 1913 को केरल (जिसे तब त्रावनकोर राज्य कहा जाता था) की राजधानी त्रिवेन्द्रम में हुआ था। उनके पिता का नाम श्री ई. जेकब जॉन एवं माता का नाम ऐना जॉन था। 1927 से लेकर 1940 तक वह मर्चैंट नेवी ऑफ़ीसर रहे तथा 1942 से लेकर 1944 तक वह भारतीय थल सेना में कमिशन्ड ऑफ़ीसर के तौर पर कार्यरत रहे। उसके पश्चात् वह सक्रिय राजनीति में कूद पड़े तथा भारत की स्वतंत्रता आन्दोलनों में बढ़ चढ़ कर भाग लिया, जो उस समय अपने शिखर पर थे। वह केरल कांग्रेस के संस्थापक सदस्यों में से एक थे तथा बाद में इसके उपाध्यक्ष तथा अध्यक्ष (चेयरमैन) भी बने।
लोकप्रिय होने के कारण तीन बार बने केरल के विधायक, मंत्री भी बने ई. जॉन जेकब
केरल के लोग श्री जेकब को बहुत प्यार करते थे, इसी लिए वह 1967, 1970 एवं 1977 में तिरुवल्ला निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस की टिकेट पर जीत कर विधायक बने। 11 अप्रैल, 1977 से लेकर 25 अप्रैल, 1977 तक वह मुख्य मंत्री श्री के. करुणाकरण के मंत्री मण्डल में केरल के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री के पद पर रहे। बाद में मुख्य मंत्री श्री ए.के. एन्टोनी के मंत्री मण्डल में भी वह 27 अप्रैल, 1977 से लेकर 26 सितम्बर, 1978 को अपने देहांत तक राज्य के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री के पद पर कार्य करते रहे। उनका देहांत अमेरिकी राज्य टैक्सास की राजधानी ह्यूस्टन में हुआ था तथा उनकी मृतक देह को केरल के नगर निरानाम लाकर दफ़नाया गया था।
किसानों के भी नेता रहे जेकब
श्री ई. जॉन जेकब अखिल केरल कृषक फ़ैडरेशन एवं कुट्टानाडू एग्रीकल्चरल कोआप्रेटिव सोसायटी के अध्यक्ष रहे। उनका नाम राज्य के मज़बूत किसान नेताओं में शुमार होता है। वह सदा नैश्नल क्रिस्चियन काऊँसिल की लोक-कल्याण गतिविधियों के साथ भी जुड़े रहे। उनकी पत्नी का नाम साराम्मा जेकब था तथा उनके चार पुत्र तथा एक पुत्री हर्षा एलान्जीकल चाको हैं।
-- -- मेहताब-उद-दीन -- [MEHTAB-UD-DIN]
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