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पवित्र ‘बाईबल’ के कुछ महत्त्वपूर्ण तथ्य (31-45)



31. नए नियम में दर्ज ‘2 यूहन्ना’ पवित्र बाईबल की सब से छोटी पुस्तक (आयतों के आधार पर) है, इसकी 13 आयतें हैं और 298 शब्द (केवल अंग्रेज़ी के) हैं।


32. यदि शब्दों को आधार बनाया जाए, तो पवित्र बाईबल की सबसे छोटी पुस्तक ‘3 यूहन्ना’ बनती है, क्योंकि उसमें आयतें तो 14 (अर्थात 2 यूहन्ना से एक अधिक) हैं परन्तु इसमें शब्दों की संख्या 294 (केवल अंग्रेज़ी के) है।


33. पवित्र बाईबल की सब से पुरानी पुस्तक ‘अय्यूब’ (जॉब) है, जो यीशु मसीह से 1,500 वर्ष पूर्व अर्थात आज से 3,517 वर्ष पूर्व इस्रायल के उज़ क्षेत्र में रहने वाले एक नबी अय्यूब द्वारा लिखी गई थी, जिनके बारे में कोई अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है। जो बाईबल हम पढ़ते हैं, वह यूनानी भाषा में प्रकाशित बाईबल से कुछ भिन्न है। यूनानी बाईबल में अय्यूब को इसऊ (जो थेमनाईट्स का राजा और अब्राहम का पौत्र एवं इसहाक का पुत्र था) के पुत्रों में से एक बताया गया है।


34. ‘मलाकी’ को बाईबल के पुराने नियम में दर्ज सब से बाद में लिखित पुस्तक माना जाता है। उसे यीशु मसीह से 4,00 वर्ष पूर्व अर्थात 2,417 वर्ष पूर्व लिखा गया था।


35. ‘याकूब’ (जेम्स) को नए नियम की सब से पहले लिखित पुस्तक माना जाता है, उसे यीशु मसीह से 45 वर्ष पूर्व अर्थात अब से 2,062 वर्ष पूर्व लिखा गया था।


36. ‘प्रकाशित वाक्य’ नए नियम की सबसे बाद में लिखित पुस्तक है, इसे 95 ईसवी सन् में अर्थात अब से 1922 वर्ष पूर्व लिखा गया।


37. पवित्र बाईबल के नए नियम की 27 में से 14 पुस्तकों को पौलूस रसूल (यीशु मसीह के शिष्य अर्थात सेंट पॉल) ने लिखा है।


38. पवित्र बाईबल में शब्द ‘नानी’ (अंग्रेज़ी में ग्रैण्ड-मदर) का प्रयोग केवल एक बार 2 तिमोथी 1ः5 में हुआ है।


39. पवित्र बाईबल में शब्द ‘अनन्त काल’ (सदैव और अंग्रेज़ी में ‘एटरनिटी’) का प्रयोग केवल एक बार पुराने नियम की पुस्तक ‘यशयाह’ 57ः15 में हुआ है।


40. पवित्र बाईबल में सात स्थानों पर आत्महत्या करने का वर्णन है - (1) न्यायियों 9ः54 में अबीमेलेक, (2) न्यायियों 16ः30 में शिमशोन (अंग्रेज़ी में सैमसन और हिन्दी में कभी समसून भी कहा जाता है), (3) 1 शमूएल 31ः4 में शाऊल, (4) 1 शमूएल 31ः5 में शाऊल का हथियार ढोने वाला, (5) 2 शमूएल 17ः23 में अहीतोपेल, (6) 1 राजा 16ः18 में ज़िम्री तथा (7) मत्ती 27ः5 में यहूदा द्वारा आत्महत्या किए जाने का वर्णन है।


41. पवित्र बाईबल के पुराने नियम में वर्तमान भू-मध्य सागर (मैडीटेरेनियन सीअ) को समुद्र या महासागर कहा गया है।


42. पवित्र बाईबल में ‘यिर्मयाह’ नामक एक पुस्तक है, जिसे यिर्मयाह (जिसे अंग्रेज़ी में जैरेमियाह कहते हैं) नामक एक नबी ने लिखा था। यिर्मयाह को ‘रोने वाला नबी’ भी कहते हैं। उन्होंने पुराने नियम की पुस्तकें ‘राजा’ (दोनों भाग), विलाप गीत भी लिखीं थीं। यह पुस्तकें लिखने में उनके शिष्य बरूच बेन नेरियाह ने सहयोग दिया था। यिर्मयाह का सक्रिय रहने का समय यीशु मसीह से 626 वर्ष पूर्व से लेकर 587 वर्ष पहले का है। परन्तु बाईबल में यिर्मयाह नामक 7 अलग-अलग शख़्सियतों का विवरण है। यह विवरण 1 इतिहास 5ः24, 12ः4, 10, 13; 2 राजा 23ः30, यिर्मयाह 1ः1, 35ः3 में पाया जाता है।


43. बाईबल में सब से पहले जिस पक्षी का वर्णन आता है वह है गहरे काले रंग के कौए का। ‘उत्पत्ति’ की पुस्तक 8ः7 में यह वर्णत है जब नूह ने एक कौए को यह देखने के लिए भेजा था कि क्या धरती पर से बाढ़ का जल हट गया है या नहीं। उसके बाद नूह ने दूसरा पक्षी एक फ़ाख़्ता (कबूतर) को भेजा था, जिसका वर्णन इसी अध्याय की 8वीं आयत में आता है।


44. सूखे मेवों में से केवल बादाम व पिस्तों का वर्णन ही पवित्र बाईबल में मिलता है।


45. पवित्र बाईबल (अंग्रेज़ी) में शब्द ‘ट्रिनिटी’ कहीं पर नहीं मिलता। इस शब्द का अर्थ है ‘तीन’ अर्थात ‘‘पिता, पुत्र एवं पवित्र आत्मा’’। हमारे हिन्दु भाई इसे ‘त्रिमूर्ति’ कहते हैं परन्तु मसीहियत में क्योंकि मूर्ति-पूजा मना है, इस लिए यह शब्द अपनाया नहीं गया। परन्तु इस ‘ट्रिनिटी’ अर्थात ‘पिता, पुत्र एवं पवित्र आत्मा’ का एक-साथ वर्णन बाईबल में लगभग 26 आयतों में मिलता है।


क्रमशः


Mehtab-Ud-Din


-- -- मेहताब-उद-दीन

-- [MEHTAB-UD-DIN]



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